सर्कस की शुरुआत कब हुई?
नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सभी? इस लेख में, हम जानेंगे सर्कस की शुरुआत कब हुई?सर्कस ( Circus ) आज मनोरंजन का जाना पहचाना साधन बन गया है. संसार के सभी देशों में बड़े बड़े टेंट सर्कसों में मन को मोह लेने वाले कर्तब दिखाए जाते हैं. आज के सर्कसों में शरीर के सन्तुलन के ऐसे - ऐसे अजीबोगरीब खेल दिखाए जाते हैं, जिन्हें देखकर कोई भी दांतों तले उंगली दबाए बिना नहीं रह सकता.
उदाहरण के लिए रस्सी पर चलना, तार पर साइकिल चलाना, जाल के ऊपर तरह-तरह से झूलना सर्कसों में दिखाए जाने वाले आश्चर्यजनक करतब है. इनमें सिखाए हुए हाथी, शेर, चीते, बंदर, घोड़े आदि अनेकों जानवर भी अपने करतब दिखाते हैं. क्या तुम जानते हो कि सर्कसों की शुरुआत सबसे पहले कब हुई थी?
सर्कसों की शुरुआत सबसे पहले रोम में ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में हुई थी। उन दिनों के सर्कस आज की तरह नहीं थे. उनमें रथ दौड़ाए जाते थे. रथ दौड़ाने के लिए बनाए गए वृत्ताकार मैदानों को सर्कस कहा जाता था.
सर्कसों की शुरुआत सबसे पहले रोम में ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में हुई थी। उन दिनों के सर्कस आज की तरह नहीं थे. उनमें रथ दौड़ाए जाते थे. रथ दौड़ाने के लिए बनाए गए वृत्ताकार मैदानों को सर्कस कहा जाता था.
रथों की दौड़ों के बीच कलाबाज़ नट और घुड़सवार अपने तरह-तरह के करतब दिखाते थे. सर्कसों के मैदान काफी बड़े होते थे. जिनमें एक साथ हजारों लोग खेल देख सकते थे. उन्हीं दिनों रोम में मनोरंजन के लिए दूसरे साधन भी उपलब्ध थे.
वाजीगर, नट, कलाबाज सिखाए हुए जानवरों के खेल दिखाने वाले व्यक्ति जनता का मनोरंजन करते रहते थे. एक समय ऐसा आया जब ये सभी खेल एक साथ दिखाए जाने लगेऔर एक साथ दिखाए जाने वाले खेलों को ही सर्कस का नाम दे दिया गया.
रोम के पतन के बाद सैकड़ों वर्षों तक सर्कसों का प्रचलन नहीं रहा. इसके पश्चात् आधुनिक प्रकार के सर्कसों की शुरुआत इंग्लैण्ड में सन् 1768 में फिलिप एस्टले ( Philip Astley ) नामक एक अंग्रेज ने दर्शकों के लिए की. उन्होंने लंदन में एक इमारत बनवाई.
वाजीगर, नट, कलाबाज सिखाए हुए जानवरों के खेल दिखाने वाले व्यक्ति जनता का मनोरंजन करते रहते थे. एक समय ऐसा आया जब ये सभी खेल एक साथ दिखाए जाने लगेऔर एक साथ दिखाए जाने वाले खेलों को ही सर्कस का नाम दे दिया गया.
रोम के पतन के बाद सैकड़ों वर्षों तक सर्कसों का प्रचलन नहीं रहा. इसके पश्चात् आधुनिक प्रकार के सर्कसों की शुरुआत इंग्लैण्ड में सन् 1768 में फिलिप एस्टले ( Philip Astley ) नामक एक अंग्रेज ने दर्शकों के लिए की. उन्होंने लंदन में एक इमारत बनवाई.
उस इमारत में दर्शकों के लिए बहुत सारी कुर्सियां डाली गई थीं और बीच में एक वृत्ताकार चबूतरा था, जिस पर सर्कस के खेल दिखाए जाते थे. इनमें जादू के खेल, रस्सी पर चलना आदि बहुत से खेल शामिल थे. उन्हीं दिनों छोटे - छोटे सर्कसों की शुरुआत हो गई थी.
इस लेख में हमने जाना सर्कस की शुरुआत कब हुई? अगर आपको इस लेख से जुड़े कोई प्रश्न है या आप किसी और विषय के बारे में जनना चहते हैं तो हमें कमेंट कर के बताएं और यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया और आपको इस लेख से कुछ नया जनने को मिला तो निचे दिए गए सोशल मीडिया बटन को दबा कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ शेयर करें.
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