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खरगोश के कान बड़े क्यों होते हैं?

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खरगोश के कान बड़े क्यों होते हैं?

नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सभी? इस लेख में, हम जानेंगे खरगोश के कान बड़े क्यों होते हैं? 

खरगोश एक बहुत ही डरपोक और निरीह जानवर माना जाता है, जंगल के सभी जानवर इसके दुश्मन होते अध्ययन के अनुसार खरगोश परिवार का जन्म सबसे पहले उत्तरी अमेरिका में हुआ था. 

लेकिन आज यह जानवर संसार के लगभग सभी देशों में पाया जाता है. सभी खरगोशों के कान इनके शरीर के आकार के अनुसार काफी बड़े होते हैं. क्या आप जानते हो कि इनके कान इतने बड़े क्यों होते हैं?

खरगोश चूंकि एक डरपोक जानवर है और चारों ओर से शत्रुओं से घिरा रहता है, इसलिए प्रकृति ने इन परिस्थितियों में सुविधापूर्वक रहने के लिए इसके कानों का आकार बड़ा बनाया है. कानों के अधिक क्षेत्रफल के कारण थोड़ी सी आवाज़ से पैदा हुई ध्वनि-तरंगें भी अधिक मात्रा में इसके कानों से टकराती हैं. 

परिणाम यह होता है कि यह मंद से मंद आवाज़ को भी सुन लेता है और दौड़कर अपनी रक्षा कर लेता है.

दिन के समय खरगोश झाड़ियों में या अपने बिलों में छिपा रहता है. यह केवल दिन छिपने के थोड़ी देर बाद या सुबह होने से थोड़ी देर पहले अपने भोजन की तलाश में बाहर निकलता है. इसकी सूंघने की शक्ति भी बहुत तीव्र होती है, इसकी पिछली टांगें लम्बी होती हैं, जिनके द्वारा यह तेज़ी से दौड़ सकता है. 

यह 64 किमी. ( 40 मील ) प्रतिघंटे के वेग से दौड़ सकता है. अधिकतर खरगोश घास खाकर जिन्दा रहते हैं, लेकिन ये दुसरी बनस्पतियां भी खा लेते हैं. इनकी जन्म दर काफी तेज होती है. गर्भाधान के 40 दिन बाद ही मादा खरगोश बच्चे को जन्म दे देती है. 

एक मादा खरगोश एक वर्ष में लगभग 10 से 12 बच्चों को जन्म देती है, चूंकि खरगोश का जन्म इतनी जल्दी और अधिक संख्या में होता है, इसीलिए अधिक शत्रु होने पर भी इनका विनाश नहीं हो पाया है.

इस लेख में हमने जाना खरगोश के कान बड़े क्यों होते हैं? अगर आपको इस लेख से जुड़े कोई प्रश्न है या आप किसी और विषय के बारे में जनना चहते हैं तो हमें कमेंट कर के बताएं और यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया और आपको इस लेख से कुछ नया जनने को मिला तो निचे दिए गए सोशल मीडिया बटन को दबा कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ शेयर करें.

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