-->

सांप अपनी केंचुली (Skin) क्यों बदलते हैं?

sanp-kechuli-kyu-badalta-hai-skin

सांप अपनी केंचुली (Skin) क्यों बदलते हैं?

नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सभी? इस लेख में, हम जानेंगे सांप अपनी केंचुली क्यों बदलते हैं? 

सांप रेंगने वाला ऐसा जानवर है, जो भूमि के ऊपर और नीचे, जल में और पड़ो पर भी रहता हैं. इनकी दो हजार से भी अधिक किस्में हैं. इन सभी सांपों में केंचुली बदलने का गुण होता है. क्या आप जानते हो कि सांप केंचली क्यों बदलते हैं?

सभी सांपों का एक गुण है कि सारे जीवनभर उनका शरीर बढ़ता रहता है. यहां तक कि सांपों का शरीर वृद्धावस्था में भी बढ़ता ही रहता है. इस उम्र में शरीर के बढ़ने की दर युवावस्था की अपेक्षा कम हो जाती है. 

शारीरिक वृद्धि के कारण उनकी त्वचा छोटी पड़ जाती है, अतः यह अपनी बाहरी त्वचा एक निर्धारित समय के बाद छोड़ देता है. इसी को सांप का केंचुली बदलना कहते हैं. सांप एक से तीन महीने की अवधि में केंचली बदलते हैं.

सांप अपनी केंचली बड़े ही दिलचस्प ढंग से बदलता है. जब सांप को कॅचली बदलनी होती है, तब वह अपने मुंह को किसी खुरदरी जगह से रगड़ता है. इससे होंठों के पास की साल ढीली हो जाती है. फिर सांप त्वचा के उस हिस्से को किसी चट्टान या पेड़ की शाखा से लटका देता है. इससे उसके मुंह के पास कुछ रास्ता बन जाता है. 

इस स्थिति में, वह अपने शरीर को सिकोड़ता है और इसे त्वचा से बाहर निकालता है और उसकी त्वचा एक चट्टान या एक शाखा से चिपक जाती है. 

केंचुली बदलने की क्रिया में केंचली का अंदर का भाग बाहर और बाहर का भाग अंदर अर्थात् उसकी त्वचा उल्टी हो जाती है. इस तरह, त्वचा बदलने में केंचुली कहीं से भी टूटती नहीं और ख़राब नहीं होती है.

इस लेख में हमने जाना सांप अपनी केंचुली क्यों बदलते हैं? अगर आपको इस लेख से जुड़े कोई प्रश्न है या आप किसी और विषय के बारे में जनना चहते हैं तो हमें कमेंट कर के बताएं और यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया और आपको इस लेख से कुछ नया जनने को मिला तो निचे दिए गए सोशल मीडिया बटन को दबा कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ शेयर करें.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ